9/10/2010

When the sun goes down
Beyond the shrubs and
Beyond the high tension lines
I leave my absence behind
In the verahandah.
Sitting
On my easy chair
Enjoying the sunset.

3/09/2010

mahila divas

लड़्की जो
फ़ुदक रही है, नुक्कड़ पर
बस के इंतज़ार में
जमीन पर रखे बस्ते के पास
कमर पर दोनों हाथ रखे
भाई के साथ,
खड़ी होगी
किसी और शहर में
किसी और समय
किसी और नुक्कड़ पर
पति को टिफ़िन दे
सबेरे-सबेरे
दफ़्तर रवाना कर
बच्चों की बस के इंतज़ार में
किसी और नुक्कड़ के मकान की ग्रहणी
से बतयाती
जैसे कर रही है उसकी मां
बच्चों को बिठा कर
बस में,
चोंक कर भागती
घर की ओर
कि आ गई होगी
बाई काम वाली
कि आती होगी जमादारनी,
धोबिन,
नहाना धोना बाकी है
पूजा पाठ
घर की साफ़-सफ़ाई

इस सब से अनजान कि
पार्लियामेंट में हो चुकी है
जूतम-पजार
उसे ले कर
उन रोटियों को ले कर
सिंकती नही जो कम से कम
उसके तवे पर
बच्ची कूद रही है
एक टांग पर
अपने पूरे बचपने को ओढ़
सड़क पर
बस के आने के इंतजार में

९/३/२०१०