10/19/2007

जिंदगी शुरू की थी जब

जिंदगी शुरू की थी जब
सुनहरे सपनों के साथ,
उज्ज्वल भविष्य की आशा में
पता नहीं था उस समय
कि हो जायगी वह
किसी रेस्ट्राँ में, टेबुल पर,
मेन कोर्स आने से पहले
स्टार्टर सी,
दाँतों से कुतरी,,
टुथपिक से बिंधी ।